सपा के कद्दावर नेता राज्युसभा सांसद अमर सिंह का निधन, छह महीने से थे बीमार,सिंगापुर में चल रहा था इलाज

Date: 01/08/2020
501

समय न्यूज़ 24 डेस्क

राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह का निधन हो गया है. वह लगभग 6 महीने से बीमार चल रहे थे. सिंगापुर में इलाज के दौरान अमर सिंह शनिवार दोपहर जिंदगी की जंग हार गए. अमर सिंह पिछले 7 महीने से सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती थे. अंतिम वक्‍त में उनके साथ केवल उनकी पत्नी ही वहां थीं. अमर सिंह के सियासी सफर में ऊपर चढ़ने और नीचे गिरने की कहानी दो दशकों के दौरान लिखी गई. एक दौर में वो समाजवादी पार्टी के सबसे असरदार नेता थे, उनकी तूती बोलती थी लेकिन हाशिए पर भी डाले जाते रहे. समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश के हाथों में जाने के बाद उन्हें सपा से किनारा करना पड़ा.

कभी मुलायम सिंह के खामसखास थे

एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. 90 के दशक के आखिर में अमर सिंह को उत्तर प्रदेश में शुगर लॉबी का असरदार आदमी माना जाता था. इसी सिलसिले में उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी. वर्ष 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. फिर जल्दी ही पार्टी के महासचिव बना दिये गए. वो ताकतवर होते गए. कहा जाने लगा था कि मुलायम कोई भी काम बगैर उनके पूछे नहीं करते.

एक समय कहा जाता था अमर के लिए कुछ भी असंभव नहीं

उस वक्‍त ये भी कहा जाने लगा कि राजनीति में अमर सिंह के लिए कोई भी काम असंभव नहीं. 2008 में भारत की न्यूक्लियर डील के दौरान वामपंथी दलों ने समर्थन वापस लेकर मनमोहन सिंह सरकार को अल्पमत में ला दिया. तब अमर सिंह ने ही समाजवादी सांसदों के साथ साथ कई निर्दलीय सांसदों को भी सरकार के पाले में ला खड़ा किया. संसद में नोटों की गड्ढी लहराने का मामला भी सामने आया. इस मामले में अमर सिंह को तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा.

यह भी सही है कि अमर सिंह की कार्यशैली ने पार्टी में ही ताकतवर लोगों को नाराज कर दिया. एक समय में समाजवादी पार्टी में अमर सिंह की हैसियत ऐसी थी कि उनके चलते आज़म ख़ान, बेनी प्रसाद वर्मा जैसे मुलायम के नज़दीकी नाराज़ होकर पार्टी छोड़ गए. नतीजा ये हुआ कि मुलायम को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी. वर्ष 2010 में पार्टी से निकाल दिया गया.

छह साल बाद समाजवादी पार्टी में फिर लौटे

वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी में वो फिर लौटे. राज्य सभा के लिए चुने गये. लेकिन जल्दी ही फिर उनके लिए मुश्किल भरे दिन आने वाले थे. एक साल बाद बाद ही समाजवादी पार्टी में जबरदस्त उठापटक के बाद अखिलेश पार्टी के सुप्रीमो बन गए. अमर सिंह फिर किनारे हो गए.हालांकि उन्होंने तब अखिलेश के खिलाफ जमकर बयानबाजी की. फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में जमकर बयान दिए. उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपनी पैतृक संपत्ति दान में देने की भी घोषणा की. शायद अमर मानकर चल रहे थे कि भाजपा में उनका प्रवेश हो पाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. पिछले दो सालों से अमर सिंह करीब करीब भारतीय राजनीति से नदारद हो चुके.

More News

national news in hindi
मोबाइल चोरी हो जाये तो तुरंत संचार साथी की ले मदद
तिथि : 09/02/2024
national news in hindi
बसंत पंचमी पर ड्रायफ्रूट और बसंती फूलों के मनमोहक श्रृंगार से सजे उज्जैन महाकाल
तिथि : 03/02/2025
national news in hindi
राहुल गांधी ने क्या कहा जिसपर भड़क गए मंत्री और लोकसभा स्पीकर
तिथि : 03/02/2025
national news in hindi
हैदराबाद मेट्रो की बड़ी कामयाबी, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए 13 मिनट में पहुंचाया दिल
तिथि : 18/01/2025
national news in hindi
गुजरात से महाकुंभ जा रही ट्रेन पर पथराव, शीशे टूटे दहशत में यात्री
तिथि : 13/01/2025
national news in hindi
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से मेघालय और ओड़िशा के दो दिवसीय दौरे पर
तिथि : 09/01/2025
national news in hindi
सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करेगी सरकार, मिलेगा इतने लाख तक का मुफ्त इलाज*
तिथि : 09/01/2025
national news in hindi
भुवनेश्वर में 3 दिन का प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन, पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन
तिथि : 09/01/2025
national news in hindi
घने कोहरे के कारण कोलकाता हवाई अड्डे पर 60 उड़ानें प्रभावित
तिथि : 07/01/2025
national news in hindi
दिल्ली विधानसभा चुनाव - 5 फरवरी को चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही दिल्ली मे अचार संहित...
तिथि : 07/01/2025