वर्ष 2002के गुजरात दंगों के मामले में पीएम व गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य को विशेष जांच दल(एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 19नवंबर को सुनवाई करेगा।
गत वर्ष अक्टूबर में गुजरात हाईकोर्ट ने एसआईटी द्वारा मोदी व अन्य को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा था। एसआईटी सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई थी। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी व अन्य की याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि जाकिया ने मोदी समेत अन्य को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दिया था। हालांकि हाईकोर्ट ने जाकिया को पुन: जांच की मांग को लेकर या तो सुप्रीम कोर्ट या ट्रायल कोर्ट जाने की इजाजत दी थी।
गौरतलब है कि दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में कांग्रेसी नेता एहसान जाफरी को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। जाकिया जाफरी ने अपनी याचिका में कहा है कि 2002 दंगों के मामले में मोदी सहित 59 नौकरशाह व पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि इन सभी पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलना चाहिए।
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